दुनिया क्या जाने मेरा अफ़साना - The Indic Lyrics Database

दुनिया क्या जाने मेरा अफ़साना

गीतकार - शकील | गायक - सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दिल्लगी | वर्ष - 1949

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दूर जाये र

दूर जाये रे4

राह मेरी आज तेरी राह से

दूर कहीं दूर दूर दूर जाये रे

दूर जाये रे

दूर से ही माँग रही ओ पिया

आज तुमसे, आज तुमसे आखरी बिदाई रे

राह मेरी आज तेरी राह से

दूर कहीं दूर दूर दूर जाये रे

ज़िंदगी को कोई कहता इक सफ़र, इक सफ़र

कहानी दो दिनों की है ये कहता है कोई

पर मुझसे पूछो तो कहूँगी ज़िंदगी

मुहब्बत और मुसीबत का महासंग्राम है

मेरे प्यार ने तो ये संसार से

हार मान लीनी आज, हाय रे

राह मेरी आज तेरी राह से

दूर कहीं दूर दूर दूर जाये रे