तदबीर का हो तीर और तक़दीर - The Indic Lyrics Database

तदबीर का हो तीर और तक़दीर

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - सुरैया | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - इनाम | वर्ष - 1955

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तदबीर का हो तीर और तक़दीर निशाना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना

सोये है तेरे भाग तो ठोकर से जगा ले
तू चाहे तो आकाश भी क़दमों पर गिरा ले
क़दमों पर गिरा ले
मशहूर होगा दूर तक जब तेरा फ़साना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना
तदबीर का हो तीर और तक़दीर निशाना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना
हो ओ
जीतेगा तू दुनिया में गर क़िस्मत से लड़ेगा
पीछे चलेगा ये जहाँ तू आगे बढ़ेगा
तू आगे बढ़ेगा
आ सीख ले तदबीर की शम्शीर चलाना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना
तदबीर का हो तीर और तक़दीर निशाना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना
हो ओ
नइया तेरी मझधार की मौजों में फँसी हो
ऐसी मुसीबत में भी तेरे लब पे हँसी हो
तेरे लब पे हँसी हो
फ़रियाद न करना कभी आँसू न बहाना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना
तदबीर का हो तीर और तक़दीर निशाना
फिर देखना क़दमों पे झुकेगा ये ज़माना
झुकेगा ये ज़माना$