मेरी प्यारी पतंग - The Indic Lyrics Database

मेरी प्यारी पतंग

गीतकार - शकील | गायक - उमादेवी, शमशाद, सहगान | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दिल्लगी | वर्ष - 1949

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मोहन की मुरलिया बाजे

मोहन की मुरलिया बाजे

हो सुन ठेस जिया पे मोरे लागे

दूर कोई मुरली की धुन पर गीत मिलन के गाये

जाने वाले याद में तेरी नींद न मुझको आये

जब चैन से दुनिया सोये

हो एक बिरहा तमर मन जागे

मोहन की मुरलिया बाजे

हो सुन ठेस जिया पे मोरे लागे

रात कहे धरती पर जगमग चाँदनी बन कर बरसूँ

ऐसे में आ के दरस दिखा जा हाय मैं रोरो तरसूँ

दिल तोड़ के जाने वाले

हो मोहे कुछ नहीं तुझ बिन साजे

मोहन की मुरलिया बाजे

हो सुन ठेस जिया पे मोरे लागे

लुटीं बहारें सावन बीता टूट गये वो सपने

जब से पिया परदेस सिधारे रहे न दिन वो अपने

हाय बिरहा के बादल काले

हो छाया घोर अंधेरा मोरे आगे

मोहन की मुरलिया बाजे

हो सुन ठेस जिया पे मोरे लागे