आज हमारे दिल में अजब ये उलझान हैं - The Indic Lyrics Database

आज हमारे दिल में अजब ये उलझान हैं

गीतकार - रवींद्र रावल | गायक - कुमार शानू, लता मंगेश्कर | संगीत - राम लक्ष्मण | फ़िल्म - हम आपके हैं कौन | वर्ष - 1994

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आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
गाने बैठे गाना, सामने समधन है
हम कुछ आज सुनायें, ये उनका भी मन है
गाने बैठे गाना, सामने समधन हैकानो की बालियाँ, चाँद सूरज लगे
ये बनारस की साड़ी खूब सजे
राज़ की बात बतायें, समधीजी घायल हैं
आज भी जब समधन की, खनकती पायल हैहोंठों की ये हँसी, आँखों की ये हया
इतनी मासूम तो, होती है बस दुआ
राज़ की बात बतायें समधी खुश क़िसमत है.ब
लक्ष्मी है समधन जी, जिनसे घर जन्नत हैआज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
सामने समधीजी, गा रही समधन है
हमको जो है निभाना, वो नाज़ुक बन्धन है
सामने समधीजी, गा रही समधन हैमेरी छाया है जो, आपके घर चली
सपना बन के मेरी, पलकों में है पली
राज़ की बात बतायें, ये पूँजी जीवन की
शोभा आज से है ये, आपके आँगन की