जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें - The Indic Lyrics Database

जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - बसेरा | वर्ष - 1981

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जाने कैसे बीतेगी ये बरसातें
माँगे हुए दिन हैं, माँगी हुई रातें
धुआँ धुआँ सा रहता है
बुझी बुझी सी आँखों में
सुलग रहे हैं गीले आँसू
आग लगाती हैं बरसातें
भरा हुआ था दिल शायद
छलक गया है सीने में
बहने लगे हैं सारे शिकवे
बड़ी ग़मगीन हैं दिल की बातें