जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी - The Indic Lyrics Database

जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त - रफी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - मिस्टर एंड मिसेस ५५ | वर्ष - 1955

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जाने कहाँ मेरा जिगर गया जी
अभी अभी यहीं था किधर गया जी
किसी की अदाओं पर मर गया जी
बड़ी बड़ी अँखियों से डर गया जी
कहीं मारे डर के चूहा तो नहीं हो गया
कोने कोने देखा न जाने कहाँ खो गया
यहाँ उसे लाए काहे को बिना काम रे
जल्दी जल्दी ढूँढो के होने लगी शाम रे
कोई उल्फत की नज़र ज़रा फेर दे
ले ले दो चार आने जिगर मेरा फेर दे
ऐसे नहीं चोरी खुलेगी तकरार से
चलो चलो थाने बताए जमादार से
सच्ची सच्ची कह दो दिखाओ नहीं चाल रे
तूने तो नहीं है चुराया मेरा माल रे
बातें हैं नज़र की नज़र से समझाऊँगी
पहले पड़ो पैय्या, तो फिर बतलाऊँगी