दिल मचल रह है रंग बदल रह हैं - The Indic Lyrics Database

दिल मचल रह है रंग बदल रह हैं

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - खलीफा | वर्ष - 1976

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दिल मचल रहा है रंग बदल रहा है
आग दिल में लगी है बुझा दे ना
अभी समा नहीं है रंग जमा नहीं है
चार दिन और यूँही बिता देना
दिल मचल रहा ...ये बेरुख़ी कैसी
हैं चार दिन इस ज़िन्दगी के
दो दिन जवानी के हैं वो तो
आ जा ना मिल के बिताएँ सनम
ये दिल्लगी छोड़ो
कोई हमें अगर हमें देख लेगा तो
डर है कि दुनिया कि नज़रों में ऐसे ही रुसवा न हो जाएँ हम
क्या करेगी दुनिया जल मरेगी दुनिया
तू जलन मेरे दिल की बुझा देना
अभी समा नहीं ...आऊँगी डोली में सजधज के जब घर पिया के कभी
तो कर लेना जी भर के पूरे तू अरमाँ जान-ए-जाँ दिल के सभी
देखो ये तन्हाई जो हमें फिर मिलेगी तू लग जा गले से
उठा है मुहब्बत का तूफ़ान दिल में अभी
तू मान जा सैंया अब छोड़ दे बैंया
जागे अरमाँ अभी तो सुला दे ना
दिल मचल रहा ...