कुद से मैं जंग लदता हुं तौबा तौबा - The Indic Lyrics Database

कुद से मैं जंग लदता हुं तौबा तौबा

गीतकार - महबूब | गायक - ए आर रहमानी | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - वंदे मातरम (गैर फिल्म) | वर्ष - 1996

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ख़ुद से मैं जंग लड़ता हूँ सब से ये कहता हूँचारों ओर जो होता है उस से मैं गुस्सा हूँतौबा-तौबा नफ़्स मग़रूर हैतौबा-तौबा सच से दूर हैतौबा-तौबा दिल बेनूर हैतौबा-तौबा कैसा दौर हैकब आयेगा वक़्त वो नयाकब पायेंगे सब दिल की आज़ादी कोकब आयेगी वो प्यारी-प्यारी एक सुबहदौलत बढ़ती है रोज़ तो अमीरों की हीभूख बढ़ती है रोज़ ही गरीबों कीवादों से तर ज़ुबाँ वक़्त मिलते ही परगूँगी हो जाती है उन रहबरों कीचलते हैं अकड़ के ये ज़मीं पेभूले हैं की जाना है एक दिन उस ज़मीं मेंधब्बा है धब्बा कि जैसे चाँद पे धब्बाधोखा ये धोखा देते हैं ख़ुद को धोखासोचो-सोचो ज़रा काफ़ी है एक शमाजिस से जल उठती यहाँ लखों शमासारी दुनिया बदल जायेगी यारो परहै ज़रूरी बदलना बस एक कामुस्कुरा के देखना भी नेकीलोगों की राहों से पत्थर हटाना नेकीसजदा तू सजदा दुनिया को ना कर सजदासजदा हो सजदा बस नाम-ए-ख़ुदा का सजदा