दो दिल तूते दो दिल हरे - The Indic Lyrics Database

दो दिल तूते दो दिल हरे

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - हीर रांझा | वर्ष - 1970

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दो दिल टूटे दो दिल हारे
दुनियाँ वालों सदके तुम्हारेदेखेगी मुखड़ा अपना अब से जवानी दिल के दाग़ में
बरसेगा कैसे सावन कैसे पड़ेंगे झूले बाग़ में
बैन करेंगे ख़्वाब कुंवारे
दो दिल टूटे दो दिल हारेमैं न रहूँगी लेकिन गूँजेंगे आहें मेरे गाँव में
अब न खिलेगी सरसों अब न लगेगी मेहंदी पाँव में
अब न उगेंगे चाँद सितारे
दो दिल टूटे दो दिल हारेप्यार तुम्हारा देखा
देखा तुम्हारा आँखें मोड़ना
तोड़ के जाना दिल को खेल नहीं है दिल का तोड़ना
तड़पोगे तुम भी साथ हमारे
दो दिल टूटे दो दिल हारे