खुबसूरत हसीं दिलनशीं नाज़निं - The Indic Lyrics Database

खुबसूरत हसीं दिलनशीं नाज़निं

गीतकार - दीपक चौधरी | गायक - बाबुल सुप्रियो, जसपिन्दर नरूला | संगीत - दीपक चौधरी | फ़िल्म - अफ़सर | वर्ष - 2001

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खूबसूरत हसीं दिलनशीं नाज़नीं
है गज़ब की अदा उसपे ये सादगी
उसकी बाहों में क्यूं मोड़ मुड़ने लगे
उसको देखा तो क्यूं होश उड़ने लगे
कशमकश सी ये दिल में हुई है शुरू
न जाने क्यूंकोई अनजान क्यूं पास आने लगा
ज़िंदगी पे मेरी क्यूं वो छाने लगा
क्यूं उसे देखकर दिल धड़कने लगा
क्यूं उसी के लिए जी तड़पने लगा
दास्तां दिल की होने लगी है शुरू
न जाने क्यूंकुछ वो मुझसे कहे कुछ मैं उससे कहूं
कुछ वो मेरी सुने कुछ मैं उसकी सुनूं
कुछ कदम वो चले कुछ कदम मैं चलूं
हो कुछ वो मेरी बने कुछ मैं उसका बनूं
दिल ये कहता है हो जाएं अब रू ब रू
न जाने क्यूंया कोई हूर है या कोई जलपरी
शोखियों में घुली हर अदा मदभरी
क्या करिश्मा है ये या है जादूगरी
फिर से नज़रों में हैं नज़रें जादूभरी
फिर नज़र में वही शक्ल है हू ब हू
न जाने क्यूं