इक महल हो सपनों का: - The Indic Lyrics Database

इक महल हो सपनों का:

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक महल हो सपनों का | वर्ष - 1975

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इक महल हो सपनों का
फूलों भरा आँगन हो और साथ हो अपनों काउड़ते बादल फ़र्श बने और धुँध की हों दीवारें
छत के झिलमिल तारे तेरा मेरा नाम पुकारे
इक महल हो सपनों का ...सपनों के इस महल में बिखरे मुस्कानों के मोति
मेरे प्यार की खुशबू फैले तेरे रूप की ज्योति
इक महल हो सपनों का ...मैं तेरे नयनों पर कर दूँ अपना सब कुछ वारी
मैं तेरी बाहों में चुप कर भूलूँ दुनिया सारी
इक महल हो सपनों का ...