पहेली पहली बार जागा है पहला प्यार तेरे ही झूठ - The Indic Lyrics Database

पहेली पहली बार जागा है पहला प्यार तेरे ही झूठ

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - विनोद राठौड | संगीत - अगोश | फ़िल्म - जोर | वर्ष - 1998

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पहली पहली बार जागा है पहला प्यार तेरे ही लिए -२
है यही दुआ तेरे मेरे प्यार को नहीं लगे नज़र किसी की
रब से मांगूँ और क्यानैन झुके हैं यूँ शरम से क्या कहूँ मैं कसम से
क्या क्या अरमान दिल में जगे कि पाया है जब से प्यार तेरा
दिल को लुभा जाए तेरी शर्म ये भोलापन
थी क़िस्मत हमारी सनम की लाखों में तुमको पाया है
अब यही दुआ मेरे प्यार तेरी ख़ुशियों को ना लगे कभी नज़र ग़म की भी
रब से मांगूं ...प्यार का सफ़र है ये प्यारा
कर लो ये वादा ले के हाथों में हाथ मेरा
चलोगे मेरे संग यूँ ही सदा
हो धूप या छाया हो अँधेरा या उजाला हो ख़्हुशी का या ग़म का समाँ
अब तेरा ये दामन छूटे ना
है यही दुआ तेरी बाहों में जीना मरना हो तेरे कदमों में
पहली पहली बार जागा ...