बेक़रार है कोई, आ मेरे दिलदार आ - The Indic Lyrics Database

बेक़रार है कोई, आ मेरे दिलदार आ

गीतकार - मजरूह | गायक - सुरैया, रफी | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - शमा परवाना | वर्ष - 1954

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बेक़रार है कोई, आ मेरे दिलदार आ
है किसी की ज़िंदगी, आ इश्क़ है गमख़्वार आ

डसती है नागन सी, फ़ुरक़त की रातें
झुटी हैं बिन तेरे जीने की बातें
हाय कैसी बेबसी, आ मैं हूँ तलबगार आ

चुन लूँ ग़म तेरे, दुख-दर्द मिटा दूँ
होंठों पे नगमों की कलियाँ खिला दूँ
रो रही है बेक़सी, आ हुस्न है बीमार आ

हँसना है बस में, न रोना है बस में
महलों में रहकन, ???
मंज़िलों में प्यार की, आ तोड़ के दीवार आ$