बोल पपीहे बोल री तु बोल पपीहे बोल - The Indic Lyrics Database

बोल पपीहे बोल री तु बोल पपीहे बोल

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर, संध्या मुखर्जी | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - तराना | वर्ष - 1951

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ल: बोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोल
है कौन मेरा चितचोर कौन मेरा चितचोर -२
बोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोलकुछ अखियों से नादानी हुई
मैं लुट गई रेऽ दिवानी हुई
मैं लुट गई रे दीवानी हुई
अखियों ने कहा
अखियों ने कहा अखियों ने सुना -२
कुछ ऐसी प्रेम-कहानी हुई
मेरी काली-काली रातों में
मेरी काली-काली रातों में कोई ले के आया भोर
कोई ले के आया भोर
बोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोलस: बोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोल
है कौन मेरा चितचोर कौन मेरा चितचोर -२
बोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोलहोंठों पे तराना किसका है किसका है
आँखों में फ़साना किसका है -२
साँसों में कभी धड़कन में कभी -२
ये आना-जाना किसका है -२
मैं ख़ुश्बू हूँ किस फूल की
मैं ख़ुश्बू हूँ किस फूल की हूँ किस चंदा की चकोर
हूँ किस चंदा की चकोरबोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोल
है कौन मेरा चितचोर कौन मेरा चितचोर -२
बोल पपीहे बोल रे तू बोल पपीहे बोल