कोई दिवाने को समझाए के हम जैसे हसीन - The Indic Lyrics Database

कोई दिवाने को समझाए के हम जैसे हसीन

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका याज्ञनिक, रूप कुमार राठौड़ | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - चैंपियन | वर्ष - 2000

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ओ हो हो आ हा हा ऐ हे हे ऐ हा
आ आ
कोई दीवाने को समझाए के हम जैसे हसीं
प्यार करते हैं तो तक़दीर बना देते हैं
ऐ हसीं हमको है मालूम के तुम जैसे हसीं
कल इसी प्यार को ज़ंजीर बना देते हैंआ तुझे प्यार के अंदाज़ सिखाएं आ जा
तूने देखीं है कहां ऐसी अदाएं आ जा
हम जिसे देख लें तस्वीर बना देते हैंहुस्न वाले है यही रस्म तेरे गाँव की
दे के उम्मीद मुसाफ़िर को घनी छाँव की
उसका दिल दर्द की जागीर बना देते हैं
हो कोई दीवाने को समझाए ...अपनी नाकामी का तू दे हमें इल्जाम नहीं
सच्चे आशिक़ जो हैं मुश्किल उन्हें कुछ काम नहीं
इश्क़ में हुस्न को भी हीर बना देते हैं
हो रांझा भी मर गया मजनू ने भी पत्थर खाए
हुस्न वालों की निगाहों से कोई क्या पाए
हर नज़र दिल के लिए तीर बना देते हैं
हो कोई दीवाने को समझाए ...दिल वो बेकार है जिस दिल में मोहब्बत ही नहीं
शुक्रिया आपका लेकिन हमें फ़ुर्सत ही नहीं
चल कोई मिलने की तदबीर बना देते हैं
आप तो आशिक़-ए-दिलगीर बना देते हैं
हां कोई दीवाने को समझाए ...