शुद्ध बिसार गयी आज अपाने गुनन कि - The Indic Lyrics Database

शुद्ध बिसार गयी आज अपाने गुनन कि

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी, मन्ना दे | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - संगीत सम्राट तानसेन | वर्ष - 1962

View in Roman

सुध बिसर गयी आज अपने गुनन की
आ ही गयी बात बीते दिनन कीबिखरे सपन सारे विधना से हम हारे
असुवों में डूबी हैं पलकें नयन की
पलकें नयन की
सुध बिसर गयी आज ...जियरा गयो टूट, गयी प्रेरणा रूठ
घुट घुट गयी सूख सरिता सुरन की
सरिता सुरन की
सुध बिसर गयी आज ...स रि स म, म ग म ध, ध म ध स
नि स ग, स-- (नि स नि) (ध नि ध) (म ध म)
(ग म ध म ध नि स) नि ध प म, नि ध प म, नि ध प म
सुध बिसर गयी आज ...हाय रे कलकार जाने न संसार
हर राग में पीर है किस के मन की
हाय, किस के मन की
सुध बिसर गयी आज ...सुध बिसर गयी आज अपने गुनन की
आ ही गयी बात बीते दिनन कीसुध बिसर गयी आज अपने गुनन की