तेरे हसीन बदन मन जो दिल भी हसीन होता - The Indic Lyrics Database

तेरे हसीन बदन मन जो दिल भी हसीन होता

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - होली आई रे | वर्ष - 1970

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तेरे हसीं बदन में जो दिल भी हसीं होता
फिर कोई तेरे मुक़ाबिल दुनिया में नहीं होता
तेरे हसीं बदन ...आँखें बड़ी-बड़ी हैं फिर तंगदिल है कैसे
है बदन तो फूल जैसा फिर संगदिल है कैसे
कोमल कली के जैसा जो दिल भी कहीं होता
फिर कोई तेरे मुक़ाबिल ...सीखा सिंगार तूने प्यार क्यूँ न आया
इन्कार तो है आता इकरार क्यूँ न आया
जैसा लिबास तेरा एहसास कहीं होता
फिर कोई तेरे मुक़ाबिल ...