धुंढे नजर नजर मेरा चांद है किधारो - The Indic Lyrics Database

धुंढे नजर नजर मेरा चांद है किधारो

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - आशा भोंसले, महेंद्र कपूर | संगीत - एन दत्ता | फ़िल्म - दिल्ली का दादा | वर्ष - 1962

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ढूँढे नज़र-नज़र, मेरा चाँद है किधर
आ जगमगाके, यूँ मुस्कुराके, मुझको रहे न अपनी खबरडोले कदम-कदम, बना हुस्न भी सितम
दिल को बचाके, ख़ुद को छुपाके, आखिर कहाँ अब ले जाएं हमआजा के मैं हूँ तेरे वास्ते, आँखों की शमा जलाए हुए
वो शोख नज़रें जो पीछा करें, बढ़ते कदम डगमगाए हुए
दिल को बचाके...कह दो हमको न देखे कोई, ऐसे के ये दिल धड़कने लगे
मैं क्या करूँ मेरे सीने में जब, एक आग मीठी भड़काने लगे
दिल को बचाके ...