परेड ना जियो मौसम सलोना है बारसात कास - The Indic Lyrics Database

परेड ना जियो मौसम सलोना है बारसात कास

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - कोरस, जोहराबाई अंबलेवाली, टी ए मोती | संगीत - पी के कल्ला | फ़िल्म - निशान | वर्ष - 1949

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ज़ो : परदेस न जइयो -२
मौसम सलोना है बरसात का
मौसम बरसात का
परदेस न जइयो जी
मो : ना कौल दिलइयो
( ना कौल दिलइयो
सजनी शादी की पहली रात का
मौसम बरसात का ) -२
ज़ो : परदेस न जइयो जीरिमझिम-रिमझिम पड़ें फुहारें
भीगे केसर-चोली
हाँ भीगे केसर-चोली
रिमझिम-रिमझिम गिरें फुहारें
भीगे केसर-चोली
अबके सावन संग रहो तो -२
सावन मेरी हो ली
मो : ( डर लागे मोहे
चोरी-चोरी की मुलाक़ात का ) -२
मौसम बरसात का
ज़ो : परदेस न जइयो जीमो : लाख रहूँ मैं दूर देस
ना भूलूँ याद तुम्हारी -२
लाख रहूँ मैं दूर देस
ना भूलूँ याद तुम्हारी
दिल्ली जा कर तुम्हें बुलाऊँ -२
मानो बात हमारी
ज़ो : मैं संग चलूँगी
( मैं संग चलूँगी
कौन्हों भरोसा तेरी बात का
मौसम बरसात का ) -२
परदेस न जइयो जीको : बालम तू तो रस के लोभी
सोने पर ललचाये
हो सोने पर ललचाये
बालम तू तो रस के लोभी
सोने पर ललचाये
रूप-रंग की रात हमारी -२
यूँ ही बीती जाये
सब ताना देंगे -२
देखो जी सैंयाँ अपने हाथ का
मौसम बरसात का
परदेस न जइयो जीपरदेस न जइयो
( परदेस न जइयो
मौसम सलोना है बरसात का
मौसम बरसात का ) -२
परदेस न जइयो जी