आई है तुउ तो कैसे दिल अपना दिखाउन मैं - The Indic Lyrics Database

आई है तुउ तो कैसे दिल अपना दिखाउन मैं

गीतकार - जमील मजहारी | गायक - के एल सहगल | संगीत - गणपत राव | फ़िल्म - कुरुक्षेत्र | वर्ष - 1945

View in Roman

आई है तू तो कैसे दिल
अपना दिखाऊँ मैं -२
आँखों को तेरे वास्ते
क्यूँ कर बिछाऊँ मैं -२भेजी जो तेरे पाँव के
नीचे है ये ज़मीं
आँ
भेजी जो तेरे पाँव के
नीचे है ये ज़मीं
जलवों को इसके कैसे
हलकना सिखाऊँ मैं -२( आँखों के पास अश्क़ों की
पूँजी भी अब नहीं ) -२
किस तरह अपने ख़ून को
आँसू बनाऊँ मैं -२( मिल जायें गर स्वर्ग की
फुलवारियों की फूल ) -२
हो
तेरे गले की नाप से
माला बनाऊँ मैं -२