कभी हंसते हैं कभी रोटे हैं - The Indic Lyrics Database

कभी हंसते हैं कभी रोटे हैं

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, एस पी बालासुब्रमण्यम | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - दुश्मनी | वर्ष - 1996

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कभी हँसते हैं कभी रोते हैं
प्यार करने वाले तो दीवाने होते हैं
कभी हँसते हैं ...क्या कहा किसने हमने सुना नहीं
है कहां जाना हमको पता नहीं
क्यों
हमने बसेरा किया तेरी निगाहों तले
परवाह नहीं कुछ हमें दुनिया जले तो जले
जागते हैं हम जब दुनिया वाले सोते हैं
कभी हँसते हैं ...याद न रस्ता हम कहां आ गए
भूल के खुद को दिल में समा गए
सीने पे सर रख के हम यहां अब एक हो जाएंगे
दो प्रेमी मिल के यहां अब एक हो जाएंगे