वो हंस के मिले हम से हम प्यार समाज बैठे - The Indic Lyrics Database

वो हंस के मिले हम से हम प्यार समाज बैठे

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - बहारें फिर भी आएगी | वर्ष - 1966

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वो हँस के मिले हम से हम प्यार समझ बैठे
बेकार ही उल्फ़त का इज़हार समझ बैठे
वो हँस के मिले ...ऐसी तो न थी क़िस्मत अपना भी कोई होता -२
अपना भी कोई होता
क्यूँ ख़ुद को मुहब्बत का हक़दार समझ बैठे
वो हँस के मिले ...रोएँ तो भला कैसे खोलें तो ज़ुबाँ क्यूँ कर -२
खोलें तो ज़ुबाँ क्यूँ कर
डरते हैं कि जाने क्या संसार समझ बैठे
बेकार ही उल्फ़त का ...