नाव चलिए नानी की नाव चलिए - The Indic Lyrics Database

नाव चलिए नानी की नाव चलिए

गीतकार - हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय | गायक - सहगान, अशोक कुमार | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - आशीर्वाद | वर्ष - 1968

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नाव चली
नानी की नाव चली
नीना के नानी की नाव चली
लम्बे सफ़र पेसामान घर से निकाले गये
नानी के घर से निकाले गये
इधर से उधर से से निकाले गये
और नानी की नाव में डाले गये
(क्या क्या डाले गये)
एक छड़ी एक घड़ी
एक तल्वार एक सल्वार
एक अंडा एक डंडा
एक झंडा एक हंडा
एक जीवर का जाल
एक घोड़े की नाल
एक तोता एक भालू
एक लह्सुन एक आलु
एक केला एक आम एक पक्का एक कच्चा
और ...
टोकरी में एक बिल्ली का बच्चा
(म्याऊँ म्याऊँ)फिर एक मगर ने पीछा किया
नानी की नाव का पीछा किया
नीना के नानी की नाव का पीछा किया
(फिर क्या हुआ)
चुपके से पीछे से
उपर से नीचे से
एक एक सामान खींच लिया
एक बिल्ली का बच्चा
एक केला एक आम एक पक्का एक कच्चा
एक लह्सुन एक आलु
एक तोता एक भालू
एक घोड़े की नाल
एक जीवर का जाल
एक झंडा एक हंडा
एक अंडा एक डंडा
एक तल्वार एक सल्वार
एक छड़ी एक घड़ी
(मगर नानी क्या कर रही थी)
नानी थी बिचारी बुड्ढी बहरी
नानी की नींद थी इतनी गहरी
इतनी गहरी (कित्ती गहरी)
नटखट ठहरी
दिन दोपहरी
रात की रानी
ठंडा पानी
गरम मसाला
पेट में डाला
साड़े सोला
???? पचत्तर छक्के नब्बे
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गले में रस्सा आ आ ...