एक बार फिर से आजा दिल में मेरे समा जा - The Indic Lyrics Database

एक बार फिर से आजा दिल में मेरे समा जा

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - सुरेंद्र नाथ | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - एलान | वर्ष - 1947

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एक बार फिर से आजा
दिल में मेरे समा जा
एक बार फिर से आजाऐ ज़िन्दगी की राहत
ऐ जन्नतों की जन्नत
एक बार फिर से आजा
दिल में मेरे समा जा
एक बार फिर से आजाहूरें निसार तुझ पर
सदक़े बहार तुझ पर
( जान-ए-बहार तू है
दिल का क़रार तू है ) -२
तुझको क़सम हया की
अपनी हर एक अदा की
इक बार मुस्करा जादिल में मेरे समाँ जा
एक बार फिर से आजादेखा है जब से तुझको
दीवाना हो रहा है
मैं इस से और ये मुझसे
बेगाना हो रहा हैदिल है मगर नहीं है
सब कुछ है पर नहीं है
तेरे बग़ैर दुनिया
या ख़ाब या खिलौना
इस ख़ाब से जगा जादिल में मेरे समाँ जा
एक बार फिर से आजा -२
दिल में मेरे समाँ जा
एक बार फिर से आजा