ठंढ़ी में पसीना चले डैडी से पुच्छ लेना - The Indic Lyrics Database

ठंढ़ी में पसीना चले डैडी से पुच्छ लेना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - कुमार शानू, देवकी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - गुड्डू | वर्ष - 1995

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ठंडी में पसीना चले न भूख न प्यास लगे
यार यही प्यार तो नहीं
daddyसे पूछूंगातन में बरफ़ ढले जिगर में आग जले
यार यही प्यार तो नहीं
daddyसे पूछ लेना
ठंडी में पसीना चले ...ऐसा लगे है अब तो मुझको आज ही जैसे देखा तुझको
लगता है मैं भी ढूंढ रहा था आज अचानक पाया तुझको
अबकी तू ऐसे मिले न भूख न प्यास लगे
यार यही प्यार तो नहीं
daddyसे पूछ लेना
ठंडी में पसीना चले ...दिल क्या चाहे कह नहीं पाए तेरे बदन से लिपटा जाए
हाल हमारा खुद ही समझ लो आगे कोई अब क्या समझाए
चाहूं के लगा लूं गले जिगर में आग जले
यार यही प्यार तो नहीं
अरे daddyसे पूछ लेना
तन में बरफ़ ढले ...