हाथों मन हाथ होन्थोन पे अफसाने प्यार के - The Indic Lyrics Database

हाथों मन हाथ होन्थोन पे अफसाने प्यार के

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - दूर की आवाज | वर्ष - 1964

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आ : हाथों में हाथ होंठों पे अफ़साने प्यार के -२
मंज़िल को अपनी चल दिए दीवाने प्यार के -२
र : दिल की राहों में आजा इन निगाहों में आजा
ऐ मेरे दिल की दुनिया मेरी बाँहों में आजाआ : ऐसी मदहोशी क्या इतनी बेताबी क्या है
सामने जब है मंज़िल फिर तुम्हें ज़ळी क्या है
र : रह-रह के छलके जाते हैं पैमाने प्यार के
मंज़िल को अपनी ...
दो : हाथों में हाथ ...र : कब से दीवाना था दिल तेरा परवाना था दिल
कर दिया तुझपे सदके तेरा नज़राना था दिल
आ : दिल का अफ़साना कह के प्यार की धुन में रह के
मैं भी हूँ खोई-खोई तुम भी हो बहके-बहके
दो : मस्ती में डूबे जाते हैं मस्ताने प्यार के
मंज़िल को अपनी ...
हाथों में हाथ ...