जब से तुम्हें देखा है, आँखो में तुम ही तुम हो - The Indic Lyrics Database

जब से तुम्हें देखा है, आँखो में तुम ही तुम हो

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - आशा - रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - घराना | वर्ष - 1961

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जब से तुम्हें देखा है, आँखो में तुम ही तुम हो
हम भी यही कहते हैं, साँसों में तुम ही तुम हो
आ गये प्यार के दिन, बेखुदी छाने लगी
मस्तियाँ झूम उठी, ज़िंदगी गाने लगी
दिल के नये नग्मों की तानो में तुम ही तुम हो
जब से पाया है तुम्हें भीगा भीगा है समां
जब से चाहा है तुम्हें हर नज़ारा है जवां
दिल मे तुम ही रहते हो यादो में तुम ही तुम हो
दीप खुशियों के सदा दिल में जलते ही रहें
प्यार की दुनिया में हम साथ चलते ही रहें
क्यों ना मिले मंज़िल जब राहों में तुम ही तुम हो