क्या गम जो अंधेरी हैं रहने - The Indic Lyrics Database

क्या गम जो अंधेरी हैं रहने

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - | वर्ष - 1960

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क्या ग़म जो अँधेरी हैं राहें इक शम्मा-ए-तमन्ना साथ तो है
कुछ और सहारा हो कि न हो हाथों में तुम्हारा हाथ तो हैक्या जाने कितने दीवाने घर फूँक तमाशा देख चुके
जिस प्यार की दुश्मन दुनिया है उस प्यार में कोई बात तो है