मेरे सवाल का - The Indic Lyrics Database

मेरे सवाल का

गीतकार - श्लोक लाल | गायक - शाश्वत सिंग, शाल्मलि खोलगडे | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - शहज़ादा | वर्ष - 2022

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मैं पगला गया हूं ये जनता
जो दिल के मोहल्ले में तू आ गया
मेरे सवाल का तू ही जवाब है
मेरे सवाल का तू ही जवाब है

ये सवेरे सवेरे ही ख्वाब आ गया
खुलके जो तू परेशानी मेरी आंखें न हाथ
तेरे आने से सूरज भी शर्मा गया

मैं पगला गया हूं ये जनता
जो दिल के मोहल्ले में तू आ गया
बेहोश होश हैं सब खामोश हैं
तेरी बातों में मैं ये खा आ गया

मेरे सवाल का यू ही जवाब है
ये सवेरे सवेरे ही ख्वाब आ गया

धुंधु खा कोई ऐसा जो
जो समझे बिना बोले बातों को
न चंदा को तोड़ के लाए वो
और चांद हो दिल उसका

पैसे भले काम कमाए वो
पर जोरो से डेली हंसी वो
ले बाहो में जब घर आए वो
मैं हुई हूं किसी की हां

वैसे हूं मैं बड़ी सीधी सीधी लड़की
पर लव लेके आटा ट्विस्ट
मिले ऐसा पगला सा
मेरे लिए जब कहु करे बारिश

ऐसा जो मील तोह
कभी जाने नहीं देंगे
बड़ी जोर से मोहब्बत हुई
बड़े जोर का तुझपे प्यार आ गया

मेरे सवाल का यू ही जवाब है
ये सवेरे सवेरे ही ख्वाब आ गया