सुनो सजना पपीहे ने कहा सबासे - The Indic Lyrics Database

सुनो सजना पपीहे ने कहा सबासे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - आए दिन बहार के | वर्ष - 1966

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सुनो सजना पपीहे ने
सुनो सजना पपीहे ने कहा सबसे पुकार के
सम्भल जाओ चमन वालों
सम्भल जाओ चमन वालों के आये दिन बहार के
सुनो सजना -२फूलों की डालियाँ भी यही गीत गा रही हैं
घड़ियाँ पिया मिलन की नज़दीक आ रही हैं
नज़दीक आ रही हैं
हवाओं ने जो छेड़े हैं
हवाओं ने जो छेड़े हैं फ़साने हैं वो प्यार के
सम्भल जाओ चमन वालों के आये दिन बहार के
सुनो सजना -२देखो न ऐसे देखो मरज़ी है क्या तुम्हारी
बेचैन कर न देना तुमको क़सम हमारी
तुमको क़सम हमारी
हमीं दुशमन न बन जायें
हमीं दुशमन न बन जायें कहीं अपने क़रार के
सम्भल जाओ चमन वालों के आये दिन बहार के
सुनो सजना -२बाग़ों में पड़ गये हैं सावन के मस्त झूले
ऐसा समाँ जो देखा राही भी राह भूले
राही भी राह भूले
के जी चाहा यहीं रख दें
के जी चाहा यहीं रख दें उमर सारी ग़ुज़ार के
सम्भल जाओ चमन वालों के आये दिन बहार के
सुनो सजना -२