एक दो तीन चार पंच नाच मेरे मन नाछो - The Indic Lyrics Database

एक दो तीन चार पंच नाच मेरे मन नाछो

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - तलत महमूद | संगीत - शिवराम कृष्ण | फ़िल्म - तीन बत्ती चार रास्ता | वर्ष - 1953

View in Roman

( एक दो तीन चार पाँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाच ) -२मैं समझा था मेरी प्रीत को
मैं जानूँ या वो जानें
ये तो बन गई प्रेम कहानी
जिसको सारी दुनिया जाने
भय्या जानें भाभी जानें
चाचा जानें चाची जानें
मामा जानें मामी जानें
सबसे बढ़ कर बाबा जानें
बाबा जानें
लेकिन साँच को क्या है आँच
हाँ
लेकिन साँच को क्या है आँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाच
एक दो तीन चार पाँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाचये तो बात बदल गई जैसे
रात के बाद सवेरा आया
मेरी उजड़ी फुलवारी में
सौ सौ कोई बहारें लाया
अलियाँ लाया कलियाँ लाया
तितली लाया ख़ुश्बू लाया
रंगत लाया गम्मत लाया
सबसे बढ़ कर मालन लाया
मालन लाया
जिसको फूलों की है सब जाँच
हाँ
जिसको फूलों की है सब जाँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाच
एक दो तीन चार पाँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाचमेरे घर में आओगी तुम
एक दिन बन के प्यारी दुल्हनिया
तुम्हरे चरनों रख दूँगा
हँस के अपनी सारी दुनिया
छुनर दूँगा साड़ी दूँगा
टिकली दूँगा बुन्दे दूँगा
झुमके दूँगा झाँझर दूँगा
सबसे बढ़ कर दिल ये दूँगा
दिल ये दूँगा
देखो तोड़ न देना जैसे काँच
हाँ
देखो तोड़ न देना जैसे काँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाच
एक दो तीन चार पाँच
नाच मेरे मन नाच ख़ुधी से नाच
एक दो तीन चार पाँच