कुछ कहता है ये सावन - The Indic Lyrics Database

कुछ कहता है ये सावन

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - रफी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मेरा गांव मेरा देश | वर्ष - 1971

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कुछ कहता है ये सावन
क्या कहता है
शाम सवेरे दिल में मेरे तू रहता है
ओ-ओ-ओ-तू रहता है
कुछ कहती है ये बदली
क्या कहती है
शाम सवेरे दिल में मेरे तू रहती है
ओ-ओ-ओ तू रहती है
रिमझिम गाता है पानी
क्यों गाता है
प्रीत में साजन गीत ये जीवन बन जाता है, बन जाता है
फिर आई पुरवाई
क्यों आई है
सजनी तेरा प्रेम संदेसा ये लाई है
भीगी भीगी रातों में
क्या होता है
नींद न आए हमको हाय
जगा सोता है, जगा सोता है
खिलती हैं कब कलियां
कब खिलती हैं
तेरी अँखियाँ मेरी अँखियाँ
जब मिलती है
छमछम बजती है पायल
कब बजती है
प्रेम के पथ पर रूप को ठोकर जब लगती है
धक् धक् करता है ये दिल
क्यों करता है
लोग न सुन ले प्यार की बातें मन डरता है
घर जाते हैं परदेसी
क्यों जाते हैं
दूर अकेले देश के मेले याद आते हैं
झर झर बहता है झरना
क्यों बहता है
आई जवानी रुत मस्तानी ये कहता है