तकदीर कहां ले जाएगी मालुम नहीं - The Indic Lyrics Database

तकदीर कहां ले जाएगी मालुम नहीं

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - सांझ और सवेरा | वर्ष - 1964

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तक़दीर कहाँ ले जाएगी मालूम नहीं
लेकिन है यक़ीं आएगी मंज़िल आएगी मंज़िल
तक़दीर कहाँ ले ...पैरों की थकन कहती है ठहर
मुश्किल है डगर लम्बा है सफ़र
पर दिल कहता है गर्दिश भी आख़िर तो कहीं पहुँचाएगी
तक़दीर कहाँ ले ...सूरत पे मेरी तुम मत जाओ
और हाल भी मेरा मत पूछो
अब मेरी तबीयत बातों से कुछ भी न बहलने पाएगी
तक़दीर कहाँ ले ...