उड़जा काले कावा - The Indic Lyrics Database

उड़जा काले कावा

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - ग़दर २ | वर्ष - 2023

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हो हो हो हो हो.. उड़ जा काले कावा तेरे मुँह विच खंड पावा उड़ जा काले कावा तेरे मुँह विच खंड पावा लेजा तू संदेशा मेरा मैं सदके जावा बागों में फिर झूले पड़ गए पक गईयां मिठिया अमिया ये छोटी सी ज़िंदगी ते रातां लंबियां लंबियां ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिंदड़ी ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिंदड़ी हो हो हो हो हो.. छम छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का हो हो छम छम करता आया मौसम प्यार के गीतों का रस्ते पे अँखियाँ रास्ता देखें बिछड़े मीतों का सारी सारी रात जगाएं मुझको तेरी यादें मेरे सारे गीत बने मेरे दिल की फरियादें ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिंदड़ी ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिंदड़ी हो हो हो हो हो.. ओ मित्रा ओ यारा यारी तोड़के मत जाना हाँ हाँ ओ मित्रा ओ यारा यारी तोड़के मत जाना मैने जग छोड़ा तू मुझको छोड़के मत जाना ऐसा हो नहीं सकता हो जाए तो मत घबराना मैं दौड़ा आऊंगा तू बस एक आवाज़ लगाना ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिंदड़ी ओ घर आजा परदेसी के तेरी मेरी एक जिंदड़ी घर आजा सजना परदेसी घर आजा सजना परदेसी घर आजा सजना परदेसी रब दा शुक्र मनावा मैं घर आजा सजना परदेसी घर आजा सजना परदेसी घर आजा सजना परदेसी रब दा शुक्र मनावा मैं