कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो - The Indic Lyrics Database

कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार सानू | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - 1942 ए लव स्टोरी | वर्ष - 1995

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कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
क्या कहना है, क्या सुनना है
मुझको पता है, तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कितने गहरे हलके, शाम के रंग हैं छलके
परबत से यूँ उतरे बादल, जैसे आँचल ढलके
और इस पल में.. .. ..
सुलगी सुलगी साँसे, बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साए, पिघले पिघले तन मन
और इस पल में.. .. ..