हम कठपुतलें काठ के - The Indic Lyrics Database

हम कठपुतलें काठ के

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - हेमंत | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - शिकस्त | वर्ष - 1953

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हम कठपुतलें काठ के
हमें तू नाच नचाएँ
ऊँचे आसन पे बैठ के
अपना दिल बहलाए

हम तो हैं खेल खिलौने
खेलो जी भर के राम
दुख या सुख जो भी चाहो
ले लो जी भर के राम
खेलो जी भर के राम

हर पल चंचल मन नाचे
हर पल आशा दीवानी
लेकिन हर सपना टूटे
रह जाए दर्द निशानी
छुप छुप करनी करते हो
दिल मे घर कर के राम
दुख या सुख जो भी चाहो
ले लो जी भर के राम
खेलो जी भर के राम

कब तक ये दिल बहकेगा
धोखा देंगी ये अँखियाँ
कब तक छेड़ेंगी मन को
आशा की नटखट कटियाँ
अपनी छाया से डर के
दिल काहे धड़के राम
दुख या सुख जो भी चाहो
ले लो जी भर के राम
खेलो जी भर के राम ...$