हम जागें जग सोये री आली - The Indic Lyrics Database

हम जागें जग सोये री आली

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - रंगीन रातें | वर्ष - 1956

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हम जागें जग सोये री आली
हम जागें जग सोये

दीप बुझे दो अंखियां मोरी
फिर भि बाट निहारूं तोरी-2
ओ मन बसिया कबहूँ मिलोगे-2
तुम मिलया सुख होये
ओ ओ ओ
तुम मिलया सुख होये री आली
हम जागें जग ...

एक दुल्हन पी को लिपटाए
शरमाये कोई हाथ छुड़ाये-2
एक बेचारी बैठ झरोखे-2
असुवन हार पिरोये
ओ ओ ओ
असुवन हार पिरोये री आली
हम जागें जग ...

ये बिरहा की रात सहेली
ये अपनी बरसात सहेली-2
जब छलके बिरहन की अखियाँ-2
ये बिरहन संग रोये
ओह ओह ओह
ये बिरहन संग रोये री आली
हम जागें जग ...$