जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग - The Indic Lyrics Database

जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता - हेमंत कुमार | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - अनारकली | वर्ष - 1953

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जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग
दिल को बेक़रार कर
छेड़ के आँसुओं का राग
आँख जरा लगी तेरी, सारा जहान सो गया
ये ज़मीन सो गई, आसमान सो गया
सो गया प्यार का सुहाग
किसको सुनाऊँ दास्ताँ, किसको दिखाऊँ दिल के दाग़
जाऊँ कहाँ के दूर तक जलता नहीं कोई चिराग़
राख बन चुकी है आग
ऐसी चली हवा-ए-ग़म, ऐसा बदल गया समा
रूठ के मुझ से चल दिये, मेरी खुशी के कारवाँ
डस रहें हैं ग़म के नाग