रुक मजनूं रुक रुक आज मेरा दिल तो के जा - The Indic Lyrics Database

रुक मजनूं रुक रुक आज मेरा दिल तो के जा

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, सहगान, अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - अजय | वर्ष - 1996

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रुक मजनूं रुक रुक रुक मजनूं रुक रुक मजनूं
आज मेरा दिल तोड़ के जा कल पढ़ लेना अखबार में
आशिक़ बन के जान लुटा दी इक लैला ने प्यार में
रुक मजनूं रुक रुक ...मैं बनी दीवानी दिल चुरा के दूर जा के क्यों करे नादानी
क्या नहीं है पस मेरे ये जवानी नाम तेरे
ऐसी महबूबा ना होगी संसार में
आज मेरा दिल तोड़ के ...सिर्फ़ कहते हैं सभी कोई करता नहीं
आजकल इश्क़ में कोई मरता नहीं
छोड़ मेरी बाहें पेपरों में रोज़ नयी छपती हैं अफ़वाहें
साथ मेरा छोड़ दे तू ये इरादा तोड़ दे तू
मरने वरने की बातें क्यूं करती है बेकार में
रुक मजनूं रुक रुक ...आशिक़ बन के जान लुटा दी इक मजनूं ने प्यार में