जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी - The Indic Lyrics Database

जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - माया | वर्ष - 1961

View in Roman

जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी
बहारों के देश जा रे, यहाँ क्या है मेरे प्यारे
के उजड़ गयी बगियाँ मेरे मन की
ना डाली रही ना कली, अजब ग़म की आँधी चली
उडी दुःख की धूल राहों में
जा रे, ये गली है बिरहन की, बहारों के देश जा रे
मैं बीना उठा ना सकी, तेरे संग गा ना सकी
ढले मेरे गीत आहों में
जा रे, ये गली है असुअन की, बहारों के देश जा रे