आंखें में निनदेन ना दिल में क़रारी - The Indic Lyrics Database

आंखें में निनदेन ना दिल में क़रारी

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - सनम | वर्ष - 1997

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आँखों में नींदें न दिल में करार
मुहब्बत भी क्या चीज़ होती है यार
कभी बेखुदी तो कभी इंतज़ार
मुहब्बत भी क्या चीज़ होती है यारदर्द उठे प्यास जगे याद सताए कोई सदा शाम-ओ-सहर पास बुलाए
रात ढले धूप खिले आए तेरी याद
चाहतों के आशियां में दिल का बसेरा
बेकरारी है जाने क्यूँ सनम आँखें हैं खुली नींद में हैं हम
हर घड़ी दिल पे है कैसा ये खुमार
आँखों में नींदें ...मैं तो तुझे एक पल भी भूल न पाऊं जान-ए-वफ़ा पास तेरे दौड़ के आऊं
तू जो कहे रस्में सभी तोड़ दूं सनम तेरे लिए दोनों जहाँ छोड़ दूं सनम
रात न कटे न कटे ये दिन कैसे कटेगी उम्र तेरे बिन
प्यार ज़िंदगी में होता है एक बार
आँखों में नींदें ...