हम हाल-ए-दिल सुनाएँगे - The Indic Lyrics Database

हम हाल-ए-दिल सुनाएँगे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुबारक बेगम, सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मधुमती | वर्ष - 1958

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तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता

हम हाल-ए-दिल सुनाएँगे सुनिए कि न सुनिए
सौ बार ये दोहराएँगे सुनिए कि न सुनिए
हम हाल-ए-दिल सुनाएँगे ...

रहेगा इश्क़ तेरा ख़ाक में मिलाके मुझे
हुए हैं इब्तिदा में रंज इंतिहा के मुझे
हम हाल-ए-दिल सुनाएँगे ...

अजब है आह मेरी नाम दाग़ है मेरा
तमाम शहर जला दोगे क्या जलाके मुझे
हम हाल-ए-दिल सुनाएँगे ...$