क्यूं देश को यारो सब दुनिया दुनिया करते हैं - The Indic Lyrics Database

क्यूं देश को यारो सब दुनिया दुनिया करते हैं

गीतकार - समीर | गायक - मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - नदीम, श्रवण | फ़िल्म - अंश | वर्ष - 2002

View in Roman

क्यूँ देश को यारो बेचते हो धरती का सौदा करते हो
रब से भी नहीं तुम डरते हो ज़रा सोचो ज़रा समझोसब दुनिया दुनिया करते हैं ये दुनिया तो कुछ भी नहीं
इक ख्वाब है साया है आखिर ये दुनिया तो कुछ भी नहीं
सब दुनिया दुनिया ...क्यूँ चैन अमन की बस्ती में नफ़रत की आग जलाते हो
कुछ नोटों वोटों की खातिर दंगे और फ़साद कराते हो
ऐसा करके क्या पाते हो तुम कैसे इन्सां हो
सब दुनिया दुनिया ...हैवानों से गद्दारों से हमको मिलके लड़ना होगा
मिलके आगे बढ़ना होगा अब डरना तुम छोड़ो
सब दुनिया दुनिया ...सुखदेव भतसिंह राजगुरु फिर इस धरती पे आयेंगे
आज़ादी हमको दिलायेंगे है हमको ये भरोसा
सब दुनिया दुनिया ...