हम चल रहे थे, वो चल रहे थे - The Indic Lyrics Database

हम चल रहे थे, वो चल रहे थे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता, मुकेश | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - दुनिया ना माने | वर्ष - 1959

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हम चल रहे थे, वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे, वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे

वोही है फिज़ायें वोही है हवायें
मगर प्यार कि अब नही वो अदायें
वोही है फिज़ायें वोही हैहवायें
मगर प्यार कि अब नहि वो अदायें
बुलायें हम उनको, मगर वो न आयें
हम चल रहे थे, वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे

उन्हें भुलकर भी, भुला ना सकूंगा
जो दिल में लगी है बुझा ना सकूंगा
उन्हें भुलकर भी, भुला ना सकूंगा
जो दिल में लगी है बुझा ना सकूंगा
मैं सपनों की दुनिया सजा ना सकूंगा
हम चल रहे थे, वो चल रहे थे
मगर दुनियावालों के दिल जल रहे थे
हम चल रहे थे$