हम बुलाते ही रहे - The Indic Lyrics Database

हम बुलाते ही रहे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - देख कबीरा रोया | वर्ष - 1957

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र: हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे
ओ सनम ये कहाँ की मोहब्बत है

आ: यूँ सताया न करो
दिल जलाया न करो
हमने कह तो दिया के मोहब्बत है

र: हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे
ओ सनम ये कहाँ की मोहब्बत है

हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे

आ: ( सीखी हैं कहाँ से ये शिक़ायतें
अच्छी नहीं देखो ऐसी आदतें )-2
र: मुस्कुराते भी नहीं
पास आते भी नहीं
हमें कैसे यक़ीं आये उल्फ़त है

आ: यूँ सताया न करो
दिल जलाया न करो
हमने कह तो दिया के मोहब्बत है
र: हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे
ओ सनम ये कहाँ की मोहब्बत है

हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे

र: ( हम तुम्हें अपना बना चुके
दिल की ये दुनिया लुटा चुके )-2
आ: हम तुम्हारे हैं सनम
ले लो कोई भी क़सम
हमने कब ये कहा तुमसे नफ़रत है

र: हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे
ओ सनम ये कहाँ की मोहब्बत है
आ: यूँ सताया न करो
दिल जलाया न करो
हमने कह तो दिया के मोहब्बत है
र: हम बुलाते ही रहे
तुम जलाते ही रहे$