क्या क्या ना लोग चल बसे - The Indic Lyrics Database

क्या क्या ना लोग चल बसे

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - हैदराबाद की नाज़नीन | वर्ष - 1952

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क्या क्या न लोग चल बसे -२
शौक़-ए-जमाल-ए-यार में
हमसे हज़ारों मिट गये -२
हालत-ए-इन्तेज़ार मेंपूरी तरह खिले न फूल
रह गयी दिल में हसरतें -२
बाग़ ही सारा जल गया -२
आग लगी बहार में
क्या क्या न लोग ...फीकी पड़ी है चाँदनी
तारे भी झिलमिलाते हैं -२
सब हैं नज़र में बेक़रार -२
दिल जो नहीं क़रार में
क्या क्या न लोग ...मिट भी गये तो क्या हुआ
मौत है एक ज़िंदगी -२
एक नाम और बढ़ गया -२
दुनिया की यादगार में
क्या क्या न लोग ...