कुछ भी ना सोचो कुश हो के बोलो - The Indic Lyrics Database

कुछ भी ना सोचो कुश हो के बोलो

गीतकार - महबूब | गायक - श्रीनिवास, पल्लवी जोशी, अनुपमा, शुबा, नोएली | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - बॉम्बे | वर्ष - 1995

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कुछ भी ना सोचो ख़ुश हो के बोलोहयआने वाला आयेगा रोके ना रुक पायेगाहय
दिल हुआ है दीवाना झूम उठा है मस्तानाहय
जाने क्या-क्या कर जाना कैसी धूम मचा जानाहय
दिल हुआ है दीवाना झूम उठा है मस्ताना
हय
जाने क्या-क्या कर जाना कैसी धूम मचा जाना
हयकल का क्यूँ सोचें भला हम आओ आज में ही चलो जी लें ज़रा हमऊपर वाला जब एक है सबका एक हो के फिर ये गा लें ज़रा हमहय
हयजीना उसका जीना जो जीने भी देआयें हैं दुनिया में तो इस का मज़ा भी ले लेंजीना उसका जीना जो जीने भी दे
आएं हैं दुनिया में तो इस का मज़ा भी ले लेंदीवार हो दिलों में तो आओ हम गिरायेंअपने ख़ुदा को चलो प्यार से हम-तुम मनायेंदिल हुआ है दीवाना झूम उठा है मस्ताना
हय
जाने क्या-क्या कर जाना कैसी धूम मचा जाना
कल का क्यूँ सोचें भला हम आओ आज में ही चलो जी लें ज़रा हम
ऊपर वाला जब एक है सबका एक हो के फिर ये गा लें ज़रा हम
गुल्ला गुल्ला
गुल्ला गुल्लाचाहें कुछ भी हो सदा मुस्करयेंदिल में उमंगें हों और मस्ती में हम नाचें-गायेंदिल में उमंगें हों और मस्ती में हम नाचें-गायें
हाथों को मिला के आसमाँ को छू लेंअपने अरमनों को चाँद तारों से सजयेंहय
हय
हय
हय
जीना उसका जीना जो जीने भी दे
दीवार हो दिलों में तो आओ हम गिरायें
चाहें कुछ भी हो सदा मुस्करयें
हाथों को मिला के आसमाँ को छू लेंदिल हुआ है दीवाना झूम उठा है मस्ताना
जाने क्या-क्या कर जाना कैसी धूम मचा जाना
दिल हुआ है दीवाना झूम उठा है मस्ताना
जाने क्या-क्या कर जाना कैसि धूम मचा जाना