जा जा जा मेरे बचपन, कही जा के छूप नादां - The Indic Lyrics Database

जा जा जा मेरे बचपन, कही जा के छूप नादां

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - जंगली | वर्ष - 1961

View in Roman

जा जा जा मेरे बचपन
कहीं जा के छुप नादाँ
ये सफ़र है अब मुश्किल
आने को है तूफ़ाँ
ज़िन्दगी को नए रंग मिलने लगे
एक किरन छू गई, फूल खिलने लगे
एक कसक हर घड़ी दिल में रहने लगी
जो के तड़पा गई, फिर भी अच्छी लगी
मेरा आँचल मेरे बस के बाहर हुआ
मुझको लेकर उड़ा, आसमाँ छू लिया