कल के सापने आज भी आना - The Indic Lyrics Database

कल के सापने आज भी आना

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - आदमी | वर्ष - 1968

View in Roman

कल के सपने आज भी आना
प्रीतम को भी साथ में लाना
कल के सपने ...आज भी दिन है मधुर सुहाना बाज रही है मन की बाँसुरिया
नैनों के तट पे प्रेम के पथ पे लौट के अब तो आजा साँवरिया
मैं भी सुनाऊँ दिल का तराना -२
कल के सपने ...झूमते बादल गाते झरने आज किसी को ढूँढ रहे हैं
मैं तो ये जानूँ सारे नज़ारे सजना तुमको ढूँढ रहे हैं
आज मुझे भी दरस दिखाना -२
कल के सपने ...मेरी नगरिया आ मोरे रसिया डगर-डगर मैं अँखियाँ बिछाऊँ
दिल में बिठा के नैन मिला के जनम-जनम की प्यास बुझाऊँ
तोहे सिखाऊँ प्रीत निभाना -२
कल के सपने ...