हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दद.र के सुर में गाते हैं - The Indic Lyrics Database

हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दद.र के सुर में गाते हैं

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - पतिता | वर्ष - 1953

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हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम ददर् के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी, आँसू भी छलकते आते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत

(पहलू में पराये दर्द बसाके, हँसना हँसाना सीख ज़रा
तू हँसना हँसाना सीख ज़रा ) - २
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं
हम प्यार के दीप जलाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...

(काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के
रंग भरे अरमानों के ) - २
नादान हैं जो इन काँटों से, दामन को बचाये जाते हैं
दामन को बचाये जाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...

(जब ग़म का अन्धेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं
समझो के सवेरा दूर नहीं ) - २
हर रात की है सौगात यही, तारे भी यही दोहराते हैं
तारे भी यही दोहराते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...